Digital Address System : डिजिटल एड्रेस सिस्टम क्या है जिससे एड्रेस को एक नई 10 कैरेक्टर की पहचान आईडी मिलेगी

Digital Address System ( DAS ) : भारत में हर एड्रेस को एक नई डिजिटल पहचान देने की तैयारी शुरू हो रही है। जैसे भारत में रहने वाले लोगों का अपना एक आधार कार्ड है जिससे उनकी पहचान होती है उसी तरीके से सभी के एड्रेस को एक पहचान आईडी दी जाएगी। जिससे किसी जमीन, घर या दुकान की पहचान आसानी से हो सकेगी। भारत डिजिटल एड्रेस सिस्टम ( DAS ) क्या है और कैसे लागू किया जाएगा इसके बारे में आगे इसी लेख में विस्तार से चर्चा करेंगे। इसलिए पूरा लेख ध्यान से पढ़ें ताकि आगे काम आने वाली इससे संबंधित जानकारी मिल सके।

Digital Address System kya hai | What is Digital Address System

हमारे देश में सभी चीजों को डिजिटल किया जा रहा है जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी और हर काम आसानी से होगा। इसी क्रम में अब पता को भी डिजिटल करने की तैयारी है जिसमें एक कोड द्वारा किसका एड्रेस है और घर है या दुकान है सबकी जानकारी मिल जाएगी। DAS ( Digital Address System) से डिजिटल एकीकरण को और भी बढ़ावा मिलेगा।

Digital Address System क्या है : What is Digital Address System :-

डिजिटल एड्रेस सिस्टम एक ऐसा सिस्टम है जिसमें हर एड्रेस को एक डिजिटल आईडी दी जाएगी। यह सिस्टम हर गांव, शहर और पहाड़ी क्षेत्रों को एक विशेष डिजिटल पहचान देगा। हर घर या दुकान के एड्रेस को एक दस अंकों वाला कोड दिया जाएगा जिसे डिजीपिन ( Digi Pin ) कहा जाएगा।

डिजीपिन ( DigiPin ) क्या है – डिजीपिन एक यूनिक डिजिटल कोड हैं जो सभी एड्रेस की लोकेशन के साथ जियो मैपिंग द्वारा जोड़ा जाएगा। इसमें निम्न विशेषताएं होगी।

  • यह दस कैरेक्टर का कोड होगा जिसमें अल्फाबेट और न्यूमेरिक दोनों शामिल होगा।
  • यह गांवों और पहाड़ी क्षेत्रों में पते का सटीक लोकेशन प्रदान करेगा।
  • यह हर एड्रेस की वास्तविक लोकेशन को दिखाएगा।
  • कूरियर और डिलीवरी की सेवाओं में सही लोकेशन दिखाकर सुविधा प्रदान करेगा।

DAS की जरूरत क्यों पड़ी :-

अभी तक भारत में ऐसा कोई सिस्टम नहीं बना था जो हर एड्रेस का सही और डिजिटल जानकारी रखता हो। जिससे किसी भी सेवा की डिलीवरी और सरकारी योजनाओं का लाभ हर जगह नहीं पहुंच पाता। इसके अलावा गलत पते की वजह से आर्थिक नुकसान भी होता है। अभी तक कुछ निजी कम्पनियां लोगों के पते को बिना अनुमति के साझा कर देती है इस सिस्टम से यूजर्स के अनुमति के बिना कोई एड्रेस साझा नहीं कर पाएगा।

Digital Address System से होने वाले फायदे :-

इस सिस्टम से आम नागरिकों, सरकार , डिलीवरी कंपनियों और बैंकिंग संस्थाओं सबको फायदा मिलेगा।

  • आम नागरिकों के पते की गोपनीयता रहेगी, सभी सेवाएं समय से पहुंचेगी और सरकारी योजनाओं का लाभ आसानी से मिल सकेगा।
  • बहुत सी ऐसी योजनाएं आती है जो जिन्हें आवश्यकता होती है उनके पास नहीं पहुंच पाती। इस सिस्टम से सरकार अपनी योजनाओं की निगरानी रख पाएंगी और लोगों तक जल्दी पहुंचा पाएगी।
  • डिलीवरी कम्पनियां ग्रामीण क्षेत्रों और पहाड़ी क्षेत्रों में जहां पर सही लोकेशन नहीं मिल पाता था वहां पर आसानी से सही समय पर डिलीवरी कर पाएगी। जिससे समय की बचत होगी और सही जगह सामान पहुंच पाएगा।
  • बैकिंग संस्थाएं अपने ग्राहकों का सही एड्रेस रख पाएगी जिससे सभी सुविधाएं उपलब्ध करा पाएगी।

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डिजीटल एड्रेस सिस्टम कब से लागू होगा :-

भारत में यह सिस्टम लागू करने के लिए डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट्स एक ड्राफ्ट फ्रेमवर्क तैयार कर रहा है। जिसकी निगरानी PMO कर रही है और आने वाले शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित विधेयक संसद में पेश किया जा सकता है फिर विधेयक पास होने के बाद लागू किया जा सकता है। इसके लिए डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर अथारिटी ( DPIA ) गठित की जाएगी जो डाटा की सुरक्षा और उपयोग पर निगरानी रखेगी ताकि डाटा लीक न हो और इसका कोई ग़लत इस्तेमाल न कर पाए।

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